Dignostic Centre
AMP Audio Component
"Chalte Chalte Yun Hi Koi" - Mera Karma and Dharma-Song
डा. मिस्बाह अहमद और सैयद तनवीर हसन नकवी का स्वागत समारोह
अंजुमन तरक्की उर्दू की ओर से एक भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया, जिसमें अमरोहा के मशहूर उर्दू सेवक डॉ. मिस्बाह अहमद सिद्दीकी और सैयद तनवीर हसन नकवी को उर्दू भाषा के प्रति उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम बीती रात हाशमी हाउस में संपन्न हुआ, जहाँ इन दोनों शख्सियतों का उर्दू के प्रति योगदान सराहनीय बताया गया।
गौरतलब है कि विश्व उर्दू दिवस के अवसर पर 9 नवम्बर 2024 को दिल्ली में युनाइटेड मुस्लिम ऑफ इंडिया और उर्दू डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में डा. मिस्बाह अहमद और सैयद तनवीर हसन नकवी को उर्दू भाषा की खिदमत के लिए अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। इसी उपलक्ष्य में, अमरोहा लौटने पर उनका स्वागत और सम्मान समारोह अंजुमन तरक्की उर्दू द्वारा आयोजित किया गया।
इस मौके पर अंजुमन तरक्की उर्दू के नायब सदर डॉ. सिराज उद्दीन हाशमी ने कहा, डा. मिस्बाह अहमद और सैयद तनवीर हसन नकवी ने उर्दू के फरोग के लिए जो कार्य किए हैं, वे वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं। उनका समर्पण और मेहनत उर्दू को एक नई ऊंचाई पर ले जा रहा है।
अंजुमन तरक्की उर्दू के अध्यक्ष ने कहा कि "हम डा. मिस्बाह अहमद और सैयद तनवीर हसन नकवी के योगदान की सराहना करते हैं। ये दोनों उर्दू भाषा के प्रति प्रेरणा का स्रोत हैं।
डा. मिस्बाह अहमद ने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "मैं इस सम्मान के लिए अंजुमन तरक्की उर्दू और अमरोहा के लोगों का आभारी हूं। उर्दू भाषा की सेवा में अपना जीवन समर्पित करना मेरे लिए गर्व की बात है।
सैयद तनवीर हसन नकवी ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, "यह सम्मान मेरे लिए गर्व की बात है। उर्दू के विकास में योगदान देना मेरी जिम्मेदारी है, और मैं इसे पूरे समर्पण के साथ करता रहूंगा।"
समारोह में डा. मिस्बाह अहमद सिद्दीकी और सैयद तनवीर हसन नकवी को 'निशान-ए-इफ्तिखार' और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर निहाल खां, हकीम शौकत, अरशद जाफरी, सालार गाजी, सभासद फहीम शाहनवाज, शहजाद कुरैशी, मुमताज खां समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया और उर्दू भाषा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
समारोह ने उर्दू प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बना ली, और इस अवसर पर उर्दू के फरोग के लिए किए गए इन दोनों विभूतियों के योगदान को पूरे शिद्दत के साथ सराहा गया।
"Chalte Chalte Yun Hi Koi" - Mera Karma and Dharma-Song