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"Chalte Chalte Yun Hi Koi" - Mera Karma and Dharma-Song
डॉ. नूरुल हसन और अभिषेक रॉयल की मुलाकात: अमरोहा में नशा मुक्ति कैंप पर चर्चा
अमरोहा: स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अपने निरंतर योगदान के लिए प्रसिद्ध डॉ. नूरुल हसन और अभिषेक रॉयल ने हाल ही में अमरोहा में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में नशे की लत और इसके उपचार पर चर्चा की गई, और अमरोहा में होने वाले नशा मुक्ति कैंप के लिए रूपरेखा पर विचार किया गया। डॉ. नूरुल हसन ने नशे की लत से प्रभावित लोगों के लिए एक समग्र और प्रभावी समाधान प्रस्तुत करने की दिशा में इस पहल को एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस बैठक में डॉ. नूरुल हसन ने अपनी पिछली सफलताओं का भी जिक्र किया, जब उन्होंने अल्फा (Alpha) में पिछले साल एक नशा मुक्ति कैंप आयोजित किया था। अल्फा में आयोजित यह कैंप एक बड़ी सफलता साबित हुआ, और इसके परिणामस्वरूप नशे की लत से जूझ रहे कई लोगों को उपचार और सहायता प्राप्त हुई। डॉ. नूरुल हसन का कहना था कि इस कैंप में चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग की भूमिका अहम रही, और यह अनुभव अब अमरोहा में होने वाले कैंप के लिए एक आधार बनेगा।
अभिषेक रॉयल, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में यौन संचारित रोगों (STIs) के तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर चुके हैं, ने इस मुलाकात में नशे की लत के इलाज के लिए विभिन्न पद्धतियों पर विचार किया। उन्होंने बताया कि नशे के उपचार में एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है, जिसमें चिकित्सा उपचार, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और समाजिक समर्थन की अहम भूमिका होती है।
अभिषेक रॉयल ने The Humsafar Trust और Y.R. Gaitonde Centre for AIDS Research and Education में अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि नशे की लत केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है, जिसे सामूहिक रूप से हल करना जरूरी है। उन्होंने कहा, "नशे की लत से प्रभावित व्यक्तियों को समाज में फिर से एकीकृत करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण के सभी पहलुओं को एक साथ लाना बहुत ज़रूरी है।"
अमरोहा में नशा मुक्ति कैंप का उद्देश्य न केवल नशे की लत से प्रभावित लोगों का इलाज करना है, बल्कि इसके कारण होने वाली मानसिक और शारीरिक बीमारियों की रोकथाम भी करना है। डॉ. नूरुल हसन और अभिषेक रॉयल मिलकर इस कैंप में नशे के शिकार लोगों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तैयार करेंगे, जिसमें चिकित्सा उपचार, मनोवैज्ञानिक समर्थन, और स्वास्थ्य जागरूकता सत्र शामिल होंगे।
डॉ. नूरुल हसन ने अल्फा में पिछले साल आयोजित किए गए अपने नशा मुक्ति कैंप का अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस पहल ने कई लोगों को नशे से बाहर निकलने और बेहतर जीवन जीने के अवसर प्रदान किए। इस कैंप का उद्देश्य था न केवल नशे की लत से छुटकारा पाना, बल्कि इसके प्रभावों को समझकर सामाजिक, मानसिक और शारीरिक रूप से व्यक्ति को पुनर्निर्मित करना।
अमरोहा में होने वाला यह नशा मुक्ति कैंप स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, और इसमें शामिल होने से लोग न केवल नशे की लत से मुक्ति पा सकेंगे, बल्कि अपने जीवन को फिर से एक सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं।
डॉ. नूरुल हसन और अभिषेक रॉयल के इस प्रयास से न केवल अमरोहा के लोग, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में नशा मुक्ति के संदेश को और बढ़ावा मिलेगा। इस कैंप में हुमसाफर ट्रस्ट, य.आर. गैतोंडे सेंटर फॉर AIDS रिसर्च एंड एजुकेशन, और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के सहयोग से यह अभियान प्रभावी ढंग से चलाया जाएगा।
यह पहल न केवल नशे की लत के उपचार पर केंद्रित है, बल्कि यह समाज में नशे के बारे में जागरूकता फैलाने का भी काम करेगी, जिससे कि लोग नशे के खतरों को समझ सकें और इसका समाधान निकालने में मदद पा सकें। डॉ. नूरुल हसन और अभिषेक रॉयल का यह प्रयास निश्चित रूप से अमरोहा में एक नई शुरुआत करेगा और नशा मुक्ति के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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