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"Chalte Chalte Yun Hi Koi" - Mera Karma and Dharma-Song
अमरोहा में अदब और मोहब्बत की महफ़िल: अमृत विचार ने सजाई यादगार शायरी की शाम
अमरोहा। नगर पालिका परिषद के टाउन हॉल मैदान में शनिवार शाम अमृत विचार और नगर पालिका परिषद के सहयोग से नारी शक्ति के सम्मान में एक शानदार शायरी की महफ़िल सजी। खचाखच भरे टाउन हॉल में शेर-ओ-शायरी की गूंज से माहौल अदब और एहसास से सराबोर हो गया।
प्रसिद्ध शायर प्रो. असीम बरेलवी ने अपने बेहतरीन कलाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी मशहूर पंक्तियाँ थीं:
खौफे खुदा है दिल में तो फख्र-ए-जमीं हो तुम, खौफे खुदा नहीं है तो कहां के नहीं हो तुम।
मंजर भोपाली ने मोहब्बत और इंसानियत पर आधारित शेरों से समां बांध दिया। उन्होंने सुनाया:
प्यार के कटोरे में गंगा का पानी... बनाइए न किसी के लिए ताजमहल।
लखनऊ से आए प्रसिद्ध व्यंग्यकार सर्वेश अस्थाना ने अपने तीखे व्यंग्य से श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने नेताओं की चतुराई और दहेज की समस्या जैसे ज्वलंत मुद्दों पर प्रभावशाली रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
शायरा शबीना अदीब और लखनऊ के पफ्लू लखनवी ने अपनी शानदार शायरी से महफ़िल में चार चांद लगा दिए। उनकी रचनाओं में मोहब्बत, सामाजिक सरोकार और देशभक्ति का गहरा संदेश झलकता रहा।
मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह और नगर पालिका अध्यक्ष शशि जैन ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ हुआ।
अमृत विचार के निदेशक डॉ. अर्जुन अग्रवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम की प्रेरणा वसीम बरेलवी की अदबी विरासत से मिली है। समूह संपादक शंभूता दयाल वाजपेयी ने कहा कि अमरोहा जॉन एलिया का शहर है, जहां अदब और शायरी की गहरी जड़ें हैं।
यह महफ़िल न केवल अदब और शायरी का जश्न थी, बल्कि नारी शक्ति, प्रेम, इंसानियत और सामाजिक बदलाव का संदेश भी दे गई।
"Chalte Chalte Yun Hi Koi" - Mera Karma and Dharma-Song